हर एक को किसी न किसी चींज की तलाश होती है मुझे भी है हर एक को किसी न किसी चींज की तलाश होती है मुझे भी है
कि क्या क्या गलत किया हमने इश्क के रंग में रंग के। कि क्या क्या गलत किया हमने इश्क के रंग में रंग के।
देखो फिर से खत्म हो रहा, एक पुराना साल छोड़ गया वो फिर से देखो, इतने सारे सवाल देखो फिर से खत्म हो रहा, एक पुराना साल छोड़ गया वो फिर से देखो, इतने सारे सवाल
संघर्ष रचे नित यशगान नए, जाने कितने ही बलिदान हुए I तुम नहीं अकेले इस मेले में, आशा संघर्ष रचे नित यशगान नए, जाने कितने ही बलिदान हुए I तुम नहीं अकेले इस मेले में...
सोच लोगों की सोच लोगों की
कल जो थे, भूले बिसरे। याद फिर से करते हैं। कह रहा हूं............। कल जो थे, भूले बिसरे। याद फिर से करते हैं। कह रहा हूं............।